मुस्लिम अधिकार मसौदा।

 

मुस्लिम अधिकार मसौदा।

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इस्माईल बाटलीवाला टीम की तरफ से यह 35 पैराग्राफ पर आधारित मुस्लिम अधिकार मसौदा को कश्मीर से कन्याकुमारी तक भाजपा और शिव सेना सहित देश की प्रमुख पार्टियों के दरवाज़े पर जाकर यह पत्र दिया गया है और बाकि सभी पार्टियों को पोस्ट के जरिए यह पत्र भेजा गया है। 

यह अधिकार मसौदा मुस्लिम तंजीमों के दरवाज़े पर जाकर दिया गया है।

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(1)आर्टिकल 341 के तहत पार्लियामेंट से पंचायत समिति तक लाखों सीटें ऐसी हैं जहां मुसलमान को सिर्फ वोट देने का अधिकार है चुनाव लड़ने का नहीं है इसलिए भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद के मंजूर किये गए आर्टिकल 341 के आर्डर को वापिस लिया जाये और संविधान के मंजूरशुदा पसमांदा मुस्लिम समाज को चुनाव में खड़े रहने का अधिकार दिया जाये.
(2)
हुकुमत की जानिब से सरकारी तंत्र की मिली जुली पावर कमिटी तय होना चाहिए और आबादी के अनुपात मुस्लिमों को चुनाव में टिकट दिया जाये जिसमे संविधान के मंजूरशुदा पसमांदा मुस्लिम समाज की हिस्सेदारी हो.
(3)
हिन्दू समाज मे दलित अतिदलित हैं,उसी तरह संविधान के मंजूरशुदा मुस्लिम समाज में जो शोषित वंचित है उन्हें भी अनसूचित जाति में शामिल किया जाये.
(4)
हिन्दू मोची,धोबी को फिछड़ी जाति से जोडा गया है और उसी तरह संविधान के मंजूरशुदा मुसलमान भी पिछड़ा है जैसे.बुनकर,क़साई,धोबी,तेली,नाई,मनिहार,कुंजड़ा,कलाल,मंसूरी आदि को पिछड़ी जाति में जोड़ा जाये जो हक़ उनको मिलता है वो हक़ इन को भी मिलना चाहिये.
(5)
संविधान के मंजूरशुदा मुस्लिम समाज में तेली,मनिहार,धोबी, नाई,मंसूरी इत्यादि लोग OBC में आते हैं मगर उनकी गलती है कि वो लोग अपना सरनेम खान,पठान,सैयद इत्यादि लिख लिए हैं इसलिए उनको OBC का सर्टिफिकेट बनाने में दिक्कत होती है इसलिए उनकी नाम दुरुस्ती के लिए गजट को आसान किया जाये ताकि आसानी से उनक सर्टिफिकेट बन सके और OBC का लाभ ले सकें.
(6)
नवंबर 30,2006 को जो सच्चर कमिशन आया था और जो कमीशन ने रिकमेंडेशन किया था मुस्लमानों के लिए वो लागू होना चाहिए और सरकार बनते ही जस्टिस रंगनाथ मिश्र आयोग की सिफारिश के तहत संविधान के मंजूरशुदा पिछड़े मुस्लिमों को हर स्तर पर आरक्षण लागू हो.
(7)
दलित वस्ती सुधार योजना जैसी मुस्लिम वस्ती सुधार योजना भी लागू किया जाये I
(8)
मदरसों को दीनी तालीम के साथ इंग्लिश ,हिंदी,और मुकामी भाषा जोड़ा जाए और उसको अनिवार्य किया जाये और भारत के हर स्कूल में उर्दू को हिंदी के जैसा अनिवार्य किया जाए.
(9)
मुसलमानों की 50000 आबादी पर सरकारी स्कूल,अस्पताल,डाकघर प्रदान किया जायेI.
(10)
बेसहारा मुस्लिम बुजुर्गों का आश्रम बनना चाहिए और मुस्लिम आबादि में कम्युनिटि हॉल बनाए जाए.

(11) मेडीकल, इंजिनियरींग, फार्मसी, बी. टेक, एम. टेक के पढाई मे फीस में सहुलियत,एज्युकेशन के लिए स्कोलरशिप की आसान सुविधा,सभी स्कूल और कालेज के मुस्लिम बच्चों को स्कालरशिप, एजुकेशन डेवलपमेंट एम्प्लॉयमेंट में आबादी के अनुपात मुस्लिमों की हिस्सेदारी होना चाहिए.
(12)
मुस्लिम नौजवानो को भी अपने रोजगार के लिए लोन और लइसेंस मिलना चाहिए.मुस्लिम

(13)महिलाओं को एजुकेशन में और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना में और सस्किए,निम्सस्किए संस्थाओ में 33 परसेंट हिस्सेदारी होना चाहिए, और पार्टी के संगठन में मुस्लिम महिला को 33 % नुमाईंदगी होना चाहिए.
(14)
कानून के मकड़जाल में फंसे मुस्लिम नौजवानों की रिहाई हो और बेवजह मुस्लिम नौजवानो पर ज्यादती करने वालो पर फौरी सजा होना चाहिए.
(15)
देश भर मे कभी भी मजहबी दंगा फसाद नही होता हैं बल्की सत्ता पक्ष और विपक्ष का शक्ति परीक्षण होता है जो आम आदमी पर आजमाया जाता है.
(16)
मुसलमानों की सुरक्षा के लिए मुस्लिम पर अत्याचार अपराध के विरूद्ध कठोर दंड का प्रावधान किया जाना चाहिए.
(17)
पुलिस का फ़र्ज़ी चालान साबित होने पर पुलिस पर मुक़दमा चलाने और बे गुनाह को मुवावजा दिलाने का अख्तियार उसी कोर्ट को दिया जाए जिस में की मुकदमा चला हो.
(18)
दंगा फसाद सुरू होने के पहले हमारे हाथ मे बहुत कुछ होता है मगर सुरू होने के बाद दुसरो के हाथ चला जाता है और हमारे हाथ मे कुछ नही रहता है.
अगर चाहते हो कि दंगा फसाद ना हो तो हर एलाके मे 10 लोग की टीम हो और टीम इतना नजदीक हो कि एक घंटा के अंदर आपस मे मिल सकें हम कुछ असान तारिका समझायेंगे और ज़रूरत पड़ने पर एलाके मे आकर सहयोग भी करेंगे,दंगा विरोधी बिल पास करके दंगे बंद होने का कानून होना चाहिए,दोषियों का फास्ट ट्रैक कोर्ट में 100 दिन के अंदर फैसला होना चाहिये.
(19)
पशु व्यपारियों की जान माल की सुरक्षा होनी चाहिए I
(20)
हुकुमती तरक्कीयाती पॉलीसी मे जहां मुसलिम को नजर अंदाज और रुकावट किया हुआ है उसके उपर क़ानूनी कार्यवाही होनी चाहिए.
(21)
संसद, विधिमंडल, स्थानिक स्वराज्य संस्था, सहकार संस्था, राज्यसभा सदस्य, विधान परिषद सदस्य कोरपोरेशन सदस्य / क्षेत्र में मोकामी आबादी के अनुपात मुस्लिमों की हिस्सेदारी होना चाहिए.
(22)
लोकसभा,विधानसभा,कर्पोरशन,पंचायत समिति इत्यादि चुनाव के समय वोटर लिस्ट से मुसलमानो का नाम रद्द हो रहा है उसपर पाबन्दी लगना चाहिए और दोषियों पर कानूनी करवाई होनी चाहिए.
(23)
लोकसभा,विधानसभा,कर्पोरशन इत्त्यादि की चुनाव विभाग को काटकर अलग चुनाव विभाग बनाया जाता रहा है उसमें मुस्लिम बहुल इलाका को बाँट कर मुसलमानो को ना जीतने लायक बनाया जाता है इस साजिश को नाकाम करना चाहिए और दोषियों को सजा होना चाहिए.
(24)
वक़्फ़ बोर्डो के पास जो मुक़दमे की सुनवाई का अधिकार है वो ख़त्म किया जाए और मुक़दमे की सुनवाई ट्रिब्यूनल कोर्ट में चलाया जाये.
(25)
देश में नफरत फ़ैलाने वाली सभी तंजीमो को गैर कानूनी करार देकर उनको बंद किया जाना चाहिए,जो लोग दंगे करके सरकारी या पब्लिक संपत्ति को नुक्सान पहोचते हैं और उनकी संपत्ति कुर्क किया जाये.
(26)
मीडिया का ज़हरीला तरीका और प्रोपगंडा जुर्म करार दिया जाना चाहिए और उनपर पाबन्दी लगाना चाहिये.
(27)
शराब बहूत सी बुराइयों की माँ है इसलिए पूरे देश में शराबबंदी होना चाहिए और नशीले पदार्थ का वयापार करने वालों पर सख्त करवाई हो क्यों की इस से हमारी युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है.
(28)
कश्मीर और आसाम के मुस्लिम लोग के साथ इंसाफ किया जाये.
(29)
नफरत फ़ैलाने वाले, ,दंगा,फसाद भड़काने वाले,शराब, जुवा ,नशीली पदार्थ का व्यापार करने वाले,बलात्कार करने वाले, वक्फ की प्रॉपर्टी हड़पने वाले या और किसी तरह का क्रिमिनल बैकग्राउंड रखने वाले मुसलमान को चुनाव में टिकट और पार्टी या सरकार में कोई वहदा नहीं दिया जाये बल्कि सिर्फ अच्छी छवि वाले मुसलमानो को चुनाव में,पार्टी और सरकार में वहदा दिया जाये.
(30)
केन्द्रीय और राज्य स्तरीय उन सभी काले कानून को हटाया जाना चाहिए जिस के तहत बरसों बरस आरोपी की जमानत नहीं मिलती है और आरोपी बिना जुर्म साबित हुए दशकों जेल में होते हैं,उनकी और उनके परिवार की ज़िंदगी तबाह होती है.

(31) जल विभाग, सुरक्षा विभाग, पब्लिक ट्रांसपोर्ट विभाग, वन विभाग, चेकपोस्ट विभाग, बांधकाम विभाग, सड़क विकास विभाग, न्यूज़ एजेंसी, स्वास्थ्य विभाग, आयात निर्यात विभाग, शिक्षण संस्था विभाग, फ़ूड कारपोरेशन, महामंडल, रेलवे विभाग, सेना विभाग, एयर फोर्स विभाग, बैंक विभाग टैक्स विभाग, ,स्वच्छता विभाग, मौसम विभाग, कृषि विभाग ,चुनाव आयोग, रक्षा मंत्रालय और गृह मंत्रालय, न्यायालय के सभी विभाग, सभी जांच एजेंसी चाहे वो केंद्रीय हो या सूबाई, कोर्ट,शैक्षणिक संस्था और अन्निये सस्किए और निम् सस्किए में मोकामी आबादी के अनुपात मुस्लिमों की हिस्सेदारी होना चाहिए.
(32)
नफरत की बयान बजी करने वालो पर मुकदमा हो और सियासी समाजी बाइकाट होना चाहिए, और देश और समाज में फुट दाल कर हुकूमत करने की पार्था ख़तम किया जाये.
(33)
यहूदी लॉबी से सम्बन्ध जोड़ना और मुस्लिम देश से सम्बन्ध तोडना हमारे देश के लिए घातक है इसलिए इसमें सुधार किया जाये.
(34)
दूसरे समुदाय के लोग प्रशिक्षण शिविर में बम, बंदूक, तलवार और लाठी चलाना सीख कर खुलेआम मार काट रहे हैं,
(A)
अल्पसंख्यक होने के कारण दूसरी कौम से जान को खतरा,
(B)
घर की बहू बेटियों के लिए इज्जत का खतरा,
(C)
घर और दुकान लुटे जाने या जलाए जाने का खतरा हैं,
अपनी आत्मरक्षा सबका अधिकार है इसलिए जहाँ मुसलमानों कि आबादी कम है वहाँ आत्मरक्षा के लिये लाइसेंसी हथियार दिया जाना चाहिए.
(35)
कुछ मुस्लिम देशो में राजनितिक दिक्कत है और उनकी दिक्कत के लिए उनके मामला में नहीं पड़ना चाहिए मगर फिलिस्तीन,म्यांमार में मुसलमानों की राजनिति से दूर का रिस्ता नहीं है और वो लोग मासूम हैं इसलिए हमारे देश को उनके साथ खड़ा होना चाहिए तो तुरंत उनको राहत मिल जाएगी और इस से हमारे देश की इज़्ज़त में इजाफा होगाI.

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इस मुस्लिम अधिकार पत्र पर लिखित मुहायदा हो जिसमें गठबंधन के संयोजक और सभी पार्टीयों के राष्ट्रीय अध्यक्षो के दस्तख़त हो.

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मजहबी और सियासी मुस्लिम लीडरो से गुजारिश है की मुस्लिम मुस्लिम अधिकार पत्र की एग्रीमेंट करने के बाद ही किसी पार्टी को सपोर्ट कर.


इस्माईल बाटलीवाला(राष्ट्रीय कन्वेनर:पोलिटिकल यूनिटी कैंपेन)Whatsapp 9029341778

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